Tuesday, February 26, 2008

kavita

अगर तुमको किवता लेखन करना है तो जो तुम अकेले बैठकर सोचते हो उसको मत लीखो बलिक वो लीखो जो तुमको दूसरों से अलग करता है,अर्थात सब से हटकर लीखो ,तुक मत ज्माओ बस इतना करो की लीखो जो सोच रहे हो/ बाकी काम आसान है पूछना ,,,,तुम्हारा (anirudha singha)

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